पाकिस्तान में भुखमरी के बाद आया दिमाग खाने वाले कीड़े का कहर, एक्सपर्ट ने बताया बचने का तरीका

Brain Eating Amoeba Naegleria fowleri

Brain Eating Amoeba Naegleria fowleri :दिमाग खाने वाले अमीबा की वजह से पाकिस्तानियों में दहशत का माहौल बना हुआ है.  यूं तो पाकिस्तानी जनता अपनी गरीबी और भुखमरी से पहले हीबेहाल है. लेकिन अब उसकी टेंशन दिमाग खाने वाले अमीबा (Brain Eating Amoeba) ने और भी बढ़ा दी है. दिमाग खाने वाले अमीबा ने अब तक लगभग 12 पाकिस्तानियों की के मौत का कारण बन चुका है. दिमाग खाने वाले इस अमीबा की कारण पाकिस्तानियों में दहशत का माहौल है. पाकिस्तानियों की समझ में यह नहीं आ रहा है कि वो करें तो करें क्या? हालांकि, पाकिस्तानी सरकार दिमाग खाने वाले अमीबा को लेकर अलर्ट जारी कर चुकी है. आइए जानते हैं कि यह दिमाग खाने वाले अमीबा क्या है और ये कैसे लोगो को अपनी चपेट में लेता है? बीमार व्यक्ति में इसके क्या लक्षण नजर आते हैं.

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आपके शरीर में किस प्रकार प्रवेश करता है अमीबा

केयरटेकर हेल्थ मिनिस्टर के अनुसार जब तक खतरा टल नहीं जाता है तब तक स्विमिंग पूल में उतरने से बचें. स्विमिंग पूल के क्लोरीनीकरण का विशेष ध्यान रखें. यदि स्विमिंग करते वक्त नाक में पानी चला गया और उसमें दिमाग खाने वाला अमीबा हुआ तो आप बीमार पड़ सकते हैं. दिमाग खाने वाला अमीबा पानी में रहता है और नाक के माध्यम बॉडी में एंट्री लेता है.पाकिस्तान में भुखमरी के बाद आया दिमाग खाने वाले कीड़े का कहर, एक्सपर्ट ने बताया बचने का तरीकापाकिस्तान में भुखमरी के बाद आया दिमाग खाने वाले कीड़े का कहर, एक्सपर्ट ने बताया बचने का तरीका

क्या है दिमाग खाने वाला अमीबा

आपको बता दें कि दिमाग खाने वाले इस अमीबा का नाम नेगलेरिया फाउलेरी है. ये एककोशिकीय जीव है. ये झीलों, तालाबों, झरनों, नदियों, और खराब रख-रखाव वाले स्विमिंग पूल में पाया जाता है. दिमाग खाने वाला अमीबा इतना छोटा है कि यह केवल माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है. दिमाग खाने वाले यह अमीबा नाक के रास्ते व्यक्ति के दिमाग में पहुंच जाता है और वहां संक्रमण करना शुरू कर देता है.

अमीबा से उत्पन्न बीमारी के लक्षण

दिमाग खाने वाले अमीबा से उत्पन्न बीमारी के लक्षण आमतौर पर 1 हफ्ते में नजर आते हैं. इससे ग्रसित हो चुके लोगों में तेज बुखार, सिरदर्द, गर्दन में जकड़न, मितली, उल्टी और दौरे आने की समस्या होती है.

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अमीबा से अब तक लगभग 12 लोगो की गयी जान

सिंध स्वास्थ्य विभाग के अनुसार , सिंध प्रांत में दिमाग खाने वाले अमीबा के कारण लगभग 12 लोगों की जान चली गई है. इस पर सिंध के केयरटेकर हेल्थ मिनिस्टर डॉ. साद खालिद ने कहा कि दिमाग खाने वाले अमीबा से ग्रसित होने से बचें. यह ताजे पानी में उत्पन्न होने वाला बहुत ही खतरनाक अमीबा है. झरनों, तालाबों, झीलों और स्विमिंग पूल से दूरी बनाएं.

क्या है इस अमीबा का इलाज?

बता दें कि उत्तरी अमेरिका में जब कुछ लोग दिमाग खाने वाले अमीबा से ग्रसित हुए थे तो उनका इलाज एम्फोटेरिसिन बी, रिफाम्पिन, फ्लूकोनाजोल और मिल्टेफोसिन के कॉम्बिनेशन से किया गया था. हालांकि, ये ध्यान रखे कि इस बीमारी में मृत्यु दर बहुत है.

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