Thalassemia : थैलेसीमिया होने पर नहीं खाना चाहिए ये 5 चीजे खून बढ़ाने वाले फूड्स, बिगाड़ सकती है हालत

थैलेसीमिया एक जेनेटिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति का शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर पाता है. यह लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है. जिसके कारण बॉडी के सभी हिस्सों में अच्छी तरह से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है. इसलिए हर दो से तीन हफ्ते में मरीज को खून चढ़ाना पड़ता है. थैलेसीमिया में बॉडी में आयरन लेवल काफी बढ़ जाता है. इसलिए कई ऐसे फूड्स जो खून बढ़ाने का काम करते हैं, के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है. ताकि आयरन लेवल कंट्रोल रहे और कोई  भी अंग इससे डैमेज ना हो. 

पालक (spinach ) :

पालक विटामिन सी और आयरन से भरपूर होता है, जो बॉडी में आयरन के अवशोषण को काफी बढ़ाता है. जिसके कारण से थैलेसीमिया में इसके सेवन से बचने की सलाह दी जाती है.

रेड मीट (red meat ):

गोमांस, भेड़ का मांस और सूअर का मांस सभी हीम आयरन से भरपूर होते हैं, जिसे शरीर आसानी से अवशोषित कर लेता है. ऐसे में थैलेसीमिया रोगियों को रेड मीट खाने से बचना चाहिए वरना शरीर में आयरन का लेवल बहुत बढ़ जाता है.

मछली ( fish ) :

हालांकि मछली आमतौर पर स्वस्थ आहार का हिस्सा मानी जाती है, लेकिन कुछ प्रकार की मछलियां विशेष रूप से टूना, स्वोर्डफिश और शार्क में हाई आयरन लेवल होता है जिसे थैलेसीमिया में खाना नुकसानदेह साबित हो सकता है.

मल्टीविटामिन (multivitamin) :

कई मल्टीविटामिन में आयरन होता है. थैलेसीमिया रोगियों को डॉक्टर के परामर्श के बिना किसी भी मल्टीविटामिन का सेवन नहीं करना चाहिए.

ऑरेंज जूस (orange juice ) :

ऐसे ऑरेंज जूस जो आयरन से फोर्टिफाइड होते है इसका सेवन थैलेसीमिया मरीजों को नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही खट्टे फलों को खाने से बचना चाहिए क्योंकि विटामिन सी आयरन के एब्जॉर्बशन को बढ़ाता है.

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