Glenn Maxwell: ग्लेन मैक्सेवल के बल्ले ने मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में तूफान ला दिया और अफगानिस्तान के मुंह से जीत छीनते हुए ऑस्ट्रेलिया के कहते में जीत दर्ज कराई . अफगानिस्तान द्वारा रखे गए 292 रनों के लक्ष्य के के जबाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने 5 विकेट महज 49 रनों पर ही खो दिए थे लेकिन फिर मैक्सवेल ने मैदान में मोर्चा संभाला और लंगड़ाते हुए दोहरा शतक लगाकर ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से जीत दिला दी. उन्होंने पैट कमिंस के साथ 202 रनों की साझेदारी की जिसमें 179 रन अकेले मैक्सवेल के थे. मैक्सवेल ने नाबाद 201 रनों की पारी खेली जिसमें 128 गेंदों का पर 21 चौके और 10 छक्के जड़े .
मैक्सवेल की ये पारी वनडे इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक है. किसी भी बल्लेबाज ने वनडे में ऐसी पारी नहीं खेली जहां उसने अकेले दम पर इस मुश्किल स्थिति में से टीम को बाहर निकालते हुए टीम के खाते में जीत दर्ज की हो. मैक्सवेल अपने तूफानी अंदाज के लिए पहचाने जाते हैं और इस मैच में उन्होंने बता दिया की कई बार फेल होने के बाद भी टीम उन पर भरोसा क्यों करती है और लगातार उन्हें चान्स क्यों देती है.
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रच दिया इतिहास
अफगानिस्तान द्वारा दिए गए 292 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को शुरुआत में ही झटके लग गए. डेविड वॉर्नर, मिचेल मार्श, मार्नस लाबुशेन, ट्रेविस हेड और जॉस इंग्लिस 49 रनों तक पहुंचते-पहुंचते पवेलियन लौट गए थे. यहां से महसूस हो रहा था कि अफगानिस्तान एक और बड़ा उलटफेर कर देगी लेकिन लड़खड़ाते हुए मैक्सवेल ने मैदान में अपने पैर जमा लिए. उन्हें इस बीच एक जीवनदान मिला जब 22वें ओवर की 5वी गेंद पर मुजीब उर रहमान ने मैक्सवेल का कैच छोड़ कर जीवनदान दे दिया . इसका फायदा मैक्सवेल ने उठाया और रनों का तूफ़ान ला दिया . उन्होंने 76 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया, लेकिन इसके बाद उन्हें क्रैम्प हो गए. दो बार मैदान पर फिजियो को आना पड़ा लेकिन मैक्सवेल ने हर नहीं माने . वह ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे, लेकिन उनका बल्ला लगातार चलता रहा। इसी के साथ मैक्सवेल वनडे क्रिकेट के इतिहास में ऑस्ट्रेलियाई टीम की और से दोहरा शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं.
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ऑस्ट्रेलिया ने दर्ज की ऐतिहासिक जीत
मैक्सवेल की इस पारी से न सिर्फ अपने नाम ही रिकॉर्ड दर्ज नहीं कराया बल्कि अपनी टीम का नाम भी रिकॉर्ड बुक में दर्ज करवा दिया. ऑस्ट्रेलिया की ये जीत वनडे विश्व कप इतिहास में किसी भी टीम द्वारा लक्ष्य का पीछा करते हुए प्राप्त की गई सबसे बड़ी जीत है. किसी ने भी विश्व कप में इससे बड़ा टारगेट चेज नहीं किया था. आखिरी ओवरों में तो मैक्सवेल ने इस मैच में जमकर धूम मचाई और दोहरा शतक पूरा किया. टीम को जब जीत के लिए 25 रनों की आवश्यकता थी तब मैक्सवेल को अपना दोहरा शतक पूरा करने के लिए 23रनों की जरूरत थी. मैक्सवेल ने अकेले ये रन बनाये और टीम को जीत दर्ज की.