Delhi-NCR Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर के 5 में से 2 परिवार इस दिवाली पटाखा जलाने के लिए संभावना जाहिर की है. इनमें से कुछ लोग अभी से पटाखों की खरीदी करने लगे हे और कुछ ने कहा कि वे दिवाली से पहले हम खरीद लेंगे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में दिल्ली सरकार के पटाखे के बेचने पर प्रतिबंध का समर्थन किया था. वायु प्रदूषण को देखते हुए हर साल अक्टूबर और नवंबर के अधिकांश महीनों में हरे पटाखों (ग्रीन क्रैकर्स) का भी इस्तेमाल किया जाता है.
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..AQI 500 को पार कर गया
इस साल अक्टूबर लास्ट और नबंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली एनसीआर के अधिकांश हिस्सों में AQI 500 को पार हो जाता हे . कई स्थानों पर AQI 700-999 रेंज में रिपोर्ट हुआ है . 2018 में शुरू में पारित पूर्ण प्रतिबंध के आदेशों को नजर रखते हुए, सुप्रीम कोर्टे ने कहा की में दिल्ली पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध है, लेकिन पड़ोसी राज्यों हरियाणा ,गुजरात और उत्तर प्रदेश में इस पर प्रतिबंध नहीं है.
क्या है दिवाली की तैयारी?
पिछले सप्ताह सामने आया था कि दिल्ली-एनसीआर के 75% निवासियों ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों को शहर में प्रदूषण होने का कारण बताया था. अधिकांश लोगों ने इस वर्षों में दिवाली पर पटाखे जलाने से परहेज किया है. लेकिन लोगो का एक बड़ा समूह ऐसा है जो मानता है कि त्योहारों पर पटाखे जलाने पर आस पास शायद ही कोई फर्क पड़ता है और इसे जारी रखना चाहिए. 1 नवंबर को करवा चौथ के त्योहार पर चांद दिखाई देने पर दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में पटाखों को जलाया गया.
सर्वे में मिले चौंकाने वाले जवाब
पटाखों पर दिल्ली एनसीआर के लोगो को समझाने और बैन के बावजूद लोगों में पटाखा जलाने की चाहत है पटाको की चाहत के बारे में जानने के लिए सरकार ने एक सर्वे किया. जिसमें दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के निवासियों से 9568 से अधिक प्रतिक्रियाएं जताई गई। 67% पुरुष थे जबकि 33% महिला थीं. सर्वेक्षण में दिल्ली एनसीआर की जनता से पूछा गया, “आप इस दिवाली पटाखों को लेकर क्या करने की योजना बना रहे हैं?” इस प्रश्न के 9,836 लोगो में से 43% ने कहा कि वे “कोई भी पटाखे नहीं जलाएंगे क्योंकि वे प्रदूषण करते हैं”.
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पहले ही खरीद चुके हैं पटाखे
सर्वे में 8 % ने कहा कि वे “नहीं जलाएंगे क्योंकि मेरे शहर में पटाको पर प्रतिबंध है”. 13% ने संकेत दिया कि हालांकि वे “पटाखे जलाना पसंद करेंगे लेकिन वे इस बार पटाखे नहीं फोड़ेंगे “. 6% उत्तरदाताओं ने कहा कि वे “पटाखे जलाएंगे और उन्हें खरीद चुके हे . 13% उत्तरदाताओं ने साझा किया कि वे ‘पटाखे जलाएंगे और वे जानते हैं कि उन्हें कैसे प्राप्त करना है’