Pregnancy : 38 की उम्र में दीपिका पादुकोण देंगी बच्चे को जन्म,30 के बाद प्रेगनेंसी में कैसे कॉम्प्लिकेशन का होता है ?

Pregnancy : 38 की उम्र में दीपिका पादुकोण देंगी बच्चे को जन्म,30 के बाद प्रेगनेंसी में कैसे कॉम्प्लिकेशन का होता है ? जितनी की 20-30 की उम्र के दौरान होती है. हालांकि बायोलॉजिकल क्लॉक की रियलिटी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन 30 या 35 के बाद प्रेगनेंसी बहुत ज्यादा स्पेशल नहीं होती है. बस इससे कुछ जोखिम जरूर जुड़े होते हैं.घर में जल्द ही बच्चे की किलकारियां गूंजने वाली है.

दोनों ने शादी के 6 साल बाद फैमिली प्लानिंग की है. जिसके बाद अब 38 की उम्र में एक्ट्रेस मां बनने जा रही हैं. वैसे तो आज के समय में 30 के बाद बच्चा करना बहुत ही कॉमन हो गया है. लेकिन उम्र के साथ प्रेगनेंसी से जुड़े रिस्क को नकारा नहीं जा सकता है. वैसे तो महिलाएं अपने मेनोपॉज से पहले कभी भी प्रेग्नेंट हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह देखा गया है कि उम्र के साथ फर्टिलिटी कम होती जाती है. एग्स की क्वालिटी उतनी अच्छी नहीं रह जाती है

Chances of having twins :

बढ़ती उम्र के साथ ट्विन्स बेबी होने की संभावना बढ़ती जाती है. ऐसा हार्मोन में बदलाव के कारण होता है. हालांकिआईवीएफ इसमें अहम किरदार निभाता है. ऐसे में यदि आप केवल एक बच्चा चाहते हैं तो आपके लिए परेशानी हो सकती है.

Gestational diabetes :

जो लेट कंसीव करती हैं. समय पर इसका उपचार न किए जाने पर इससे बच्चा औसत से अधिक बड़ा हो सकता है. जिसके दौरान डिलीवरी में बहुत परेशानी होती है.जेस्टेशनल डायबिटीज का एक प्रकार है जो गर्भवती महिलाओं में ही होता है. इसका जोखिम आमतौर पर उन महिलाओं में ज्यादा होता है,

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Premature delivery :

हालांकि प्रीमैच्योर डिलीवरी किसी भी महिला को हो सकती है लेकिन इसका जोखिम लेट प्रेगनेंसी में ज्यादा होता है.प्रेगनेंसी के 37 वें हफ्ते से पहले होने वाली डिलीवरी को प्रीमैच्योर कहा जाता है. यह एक गंभीर स्थिति होती है, क्योंकि ऐसे में बच्चे का पूरा विकास नहीं हो पाता है. ऐसे में कई बार बच्चे को बचा पाना भी मुश्किल होता है.

C-section delivery :

लेकिन बढ़ती उम्र के साथ इसकी संभावना घटती जाती है, नेचुरल डिलीवरी को सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इसमें महिला की बॉडी बहुत जल्दी रिकवर करती है. जिसके बाद सी-सेक्शन ही एक मात्र उपाय रह जाता है. 

Chromosomal condition :

इसके अलावा लेट प्रेगनेंसी बच्चों के अंडरवेट का कारण भी बनती ज्यादा उम्र होने पर कंसीव करने वाली महिलाओं से जन्म लेने वाले बच्चों में डाउन सिंड्रोम जैसी कुछ क्रोमोसोमल कंडीशन का खतरा अधिक होता है.

Miscarriage :

उम्र के साथ मिसकैरेज और मृत बच्चे के जन्म का खतरा बढ़ जाता है. शोध से पता चलता है कि मिसकैरेज का खतरा अधिक उम्र में अंडों की गुणवत्ता में कमी और मेडिकल हिस्ट्री के कारण हो सकता है.

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