सी एन जी बाइक इन इंडिया :
कई लोग सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों को लेना पसंद करते हैं. लगभग सभी कंपनियां लोगों की पसंद को ध्यान में रखते हुए सीएनजी फिटिड गाड़ियां लेकर आ रही है. इससे लोगों के पेट्रोल, डीजल पर खर्च होने वाले पैसों की बचत भी होती है और पॉल्यूशन भी कम होता है. अब गाड़ियों के साथ-साथ मार्केट में सीएनजी से चलने वाली मोटरसाइकिल भी आने जा रही है. बाजाज ऑटो दुनिया की पहली सीएनजी से चलने वाली मोटरसाइकिल लॉन्च करने जा रहा है. पहले इस बाइक को 2025 में लाने की बात सामने आ रही थी, लेकिन अब कंपनी इसे जल्दी लॉन्च करने की तैयारी में है.भारत में लोग अब सीएनजी वाहनों की तरफ अपना इंट्रैस्ट दिखा रहे है.
कब लॉन्च होगी बाइक :
इससे आपका बाइक चलाने का खर्च काफी कम हो जाएगा और साथ ही प्रदूषण भी कम होगा.कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने सीएनबीसी टीवी 18 को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि सीएनजी से चलने वाली ये बाइक इसी साल के दूसरे तिमाही में बाजर में आ सकती है. उन्होंने आगे बताया कि सीएनजी से चलने वाली बाइक बनाने के पीछे बाजाज कंपनी का मकसद पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और प्रदूषण को कम करना है.
60 -65% तक कम खर्च :
Bajaj का कहना है कि ये बाइक उसी तरह से बाजार में बदलाव ला सकती है, जैसा कि हीरो होंडा ने लाया था. इससे न सिर्फ पेट्रोल का खर्चा 50-65% कम होगा बल्कि हवा में प्रदूषण भी कम होगा. सीएनजी बाइक से कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन 50% कम होगा, कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन 75% कम होगा और हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन 90% कम होगा. पेट्रोल की कीमत सीएनजी से कम होती है.सीएनजी बाइक से पेट्रोल का खर्च आधा हो सकता है. टेस्टिंग में भी ये बाइक काफी अच्छी निकली है.
कैसी दिखेगी बाइक :
कंपनी ने अभी ये नहीं बताया है कि बाइक के इंजन की क्षमता क्या होगी, लेकिन ये जरूर बताया है कि वो भविष्य में एक से ज्यादा सीएनजी बाइक ला सकती है.ये सीएनजी बाइक 100 सीसी से 160 सीसी के बीच की होंगी, जिससे ज्यादातर लोग इसे खरीद सकें.
Bajaj ऑटो का कहना है कि वो इस बाइक से दुनियाभर के लोगों को एक किफायती और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प देना चाहती है.अभी तक ये तो साफ नहीं है कि ये बाइक कैसी दिखेगी, लेकिन बाजाज कंपनी का कहना है कि इस बाइक में सबसे खास सीएनजी टेक्नॉलजी को सुरक्षित तरीके से लगाना होगा.
ये भी पढ़े : Narasimha Rao PV Case : कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के वे कानून जो 26 साल पुराने जजमेंट को बदलने में बने सहारा