US Universities : छात्रों का गुस्सा, क्या है विरोध की वजह, अमेरिकी विश्वविद्यालयों में क्यों उबल रहा है

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों और उनके विरोधियों के बीच टकराव के बाद कई बार प्रोटेस्ट कैंप को हटा दिया है. वहीं कुछ प्रदर्शन अब भी जारी हैं.गाजा में युद्ध को लेकर फिलिस्तीनी के समर्थन में छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने पिछले हफ्तों में अमेरिका को हिलाकर रख दिया है.

फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी :

प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने उन छात्रों और फैकल्टी मेंबर्स  के लिए माफी की मांग की है जिन्हें विरोध प्रदर्शन करने के लिए निकाल दिया गया. जिन कैंपस में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए, वहां छात्रों ने गाजा में स्थायी युद्धविराम, इजराल के लिए अमेरिकी सैन्य सहायता को समाप्त करने, विश्वविद्यालय को हथियार आपूर्तिकर्ताओं और युद्ध से लाभ कमाने वाली अन्य कंपनियों से विनिवेश की मांग की है.

फिलिस्तीनियों का समर्थन :

टेक्सास यूनिवर्सिटी, ऑस्टिन ने कहा कि 29 अप्रैल को उसके परिसर में गिरफ्तार किए गए 79 लोगों में से 45 का विश्वविद्यालय से कोई संबंध नहीं था। फिलिस्तीनी समर्थक विरोध प्रदर्शनों में स्टूडेंट्स, फैकल्टी मेंबर, यहूदी और मुस्लिम धर्मों के बाहरी कार्यकर्ता शामिल हुए हैं.

विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाले ग्रुप्स में Students for Justice in Palestine और शांति के लिए Jewish Voice for Peace जैसे संगठन शामिल हैं. आयोजकों ने इजरायल समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा से इनकार किया है.

हालांकि कुछ यहूदी स्टूडेंट्स ने कहा है कि वे कैंपस में असुरक्षित महसूस करते हैं और कथित ‘यहूदी विरोधी’ नारों से घबरा जाते हैं. शहर के कुछ नेताओं और विश्वविद्यालय प्रशासकों ने कहा है कि कैंपस के बाहर के एक्टिविस्ट ने विरोध प्रदर्शन में सहयोग किया या इसका संचालन किया है.

प्रदर्शनकारियों के विरोधी :

लॉस एंजिल्स में यूसीएलए में इजरायल एडवोकेसी ग्रुप, इजरायली अमेरिकन काउंसिल द्वारा आयोजित एक जवाबी रैली में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया.1 मई को कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले में इजरायल का समर्थन करने वाले जायोनी ग्रुप के सह-संस्थापक और फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी के बीच हाथापाई हुई.

मिसिसिपी यूनिवर्सिटी में सैकड़ों स्टूडेंट्स, ने 2 मई को फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ नारे लगाए. इनमें से कुछ ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में अमेरिकी झंडे और बैनर लहराए,

फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के जवाब में इजरायली अमेरिकी और जायोनी ग्रुप्स समूहों के साथ-साथ यहूदी-अमेरिकी समुदाय के सदस्य भी प्रोटेस्ट कर रहे हैं.

प्रशासन की ओर से प्रतिक्रिया :

कुछ यूनिवर्सिटी प्रशासकों ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने और शिविरों और धरना स्थल को खाली कराने के लिए स्थानीय पुलिस का सहारा लिया. वहीं दूसरों ने विरोध प्रदर्शन को होने दिया या समझौते पर पहुंच गए.

छात्रों द्वारा मैनहट्टन कैंपस में एक कैंप स्थापित करन के अगले ही दिन 18 अप्रैल को पुलिस भेजी गई.  30 अप्रैल को पुलिस ने फिर से कैंप और छात्रों के कब्जे वाली इमारत पर छापा मारा, जिसमें सैकड़ों गिरफ्तारियां हुईं.

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले ने फिलिस्तीनी समर्थक कैंपस को तब तक बने रहने की अनुमति दी,  जब तक कि यह परिसर के संचालन को बाधित नहीं करता है और हिंसा का कोई खतरा पैदा नहीं करता हो.

नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, ब्राउन यूनिवर्सिटी और रटगर्स यूनिवर्सिटी उन कॉलेजों में से हैं, जिन्होंने कैंप को खत्म करने के लिए समझौता किया है.ब्राउन इजरायल से जुड़ी कंपनियों से संभावित विनिवेश पर वोटिंग करने को तैयार हुई. रटगर्स एक अरब सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करने और मध्य पूर्व अध्ययन विभाग के निर्माण पर विचार करने पर सहमत हुआ.Weather Update : दिल्ली से UP तक लू मचाएगी कहर, IMD ने दी चेतावनी, बाप रे बाप! अभी और तपेगी धरती.

डेली कैंपस लाइफ :

यूनिवर्सिटी ने यह फैसला एक मुस्लिम स्टूडेंट के समापन भाषण को रद्द करने और पुलिस द्वारा फिलिस्तीनी समर्थक कैंप को हटाने के बाद हुई दर्जनों गिरफ्तारियों के बाद लिया.कैलिफोर्निया स्टेट पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी, हम्बोल्ट ने छात्रों द्वारा एक प्रशासनिक भवन में खुद को बंद करने के बाद व्यक्तिगत कक्षाएं रद्द कर दीं.

मिशिगन यूनिवर्सिटी ने कहा कि वह मई की शुरुआत में अपने ग्रेजुएशन समारोह में स्वतंत्र अभिव्यक्ति और शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति देगा लेकिन ‘पर्याप्त व्यवधान’ को रोकेगा.कोलंबिया को कई बार वर्चुअल क्लास पर स्विच करना पड़ा है. दक्षिणी कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने अपना मेन-स्टेज-ग्रेजुएशन समारोह रद्द कर दिया.

राजनीतिक नेताओं :

प्रदर्शनकारियों ने उनकी इजरायल को धन और हथियारों देने के लिए आलोचना की है. 2024 के चुनाव के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने परिसर में विरोध प्रदर्शन को ‘जबरदस्त नफरत’ कहा.  न उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल को कोलंबिया पर पुलिस की छापेमारी ‘देखने लायक एक खूबसूरत चीज़ थी.

’डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन, ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकियों को प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन हिंसा फैलाने का नहीं.

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