sudarshan Bridge : केबल ब्रिज 2 .35 किलो मीटर पहला पुल सुदर्शन है

Sudarshan Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुदर्शन ब्रिज (Sudarshan Bridge) की सौगात दे दी है. पीएम मोदी ने आज सुबह द्वारका में सुदर्शन ब्रिज का उद्घाटन किया. सुदर्शन ब्रिज 2.32 किलोमीटर लंबा है. यह एक केबल पुल है. यह देश में अपनी तरह का सबसे लंबा पुल है. सुदर्शन ब्रिज को लेकर चर्चा खूब हो रही है और लोगों के मन में ये भी सवाल है कि बिना पिलर के केबल ब्रिज कैसे टिका रहता है? ऐसा पहला पुल कहां बना था और सुदर्शन ब्रिज क्यों खास है. आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं.इससे ओखा से बेट द्वारका जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी.

बता दें कि सुदर्शन ब्रिज में किया गया था. सुदर्शन ब्रिज को बनाने में 977 करोड़ रुपये की लागत आई है. सुदर्शन ब्रिज की लंबाई 2.3 किलोमीटर है. सुदर्शन ब्रिज के जरिए लोग ओखा और बेट द्वारका के बीच सफर कर सकेंगे. सुदर्शन ब्रिज के शुरू होने से द्वारकाधीश जाने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी.

इसके अलावा जल परिवहन पर निर्भरता भी खत्म होगी. सुदर्शन ब्रिज खासियत है कि यह देश का सबसे लंबा केबल पुल है. सुदर्शन ब्रिज पर श्रीमद्भगवद गीता के श्लोक लिखे हैं.जानकारी के मुताबिक, दुनिया का पहला केबल ब्रिज साल 1955 में स्वीडन के स्ट्रोमसंड (Stromsund) में बनाया गया था. यह ब्रिज 183 मीटर लंबा है. वहीं, दूसरा केबल ब्रिज 1957 में जर्मनी में बना था. जो 260 लंबा है.

अब जानते हैं कि केबल ब्रिज बिना पिलर्स के कैसे काम करता है. ये बात हम आपको एक उदाहरण से समझाते हैं. आप एक लंबी रबड़ या रस्सी लीजिए. उसके एक-एक सिरे से दोनों हाथों को कोहनी के ऊपर बांध लें. अब रस्सी के बीच का हिस्सा सिर पर टिका दें और रस्सी से बंधे अपने दोनों हाथों को हवा में लटका दें. तब आप पाएंगे कि सारा प्रेशर हाथ पर नहीं बल्कि सिर की तरफ लग रहा है और हाथ आसानी से हवा में झूल रहे हैं. कुछ इसी तरह केबल ब्रिज भी काम करता है. केबल ब्रिज में भी एक-दो खंभे होते हैं, जो केबल से बंधे रहते हैं और पूरे पुल का टेंशन उनपर रहता है और पुल हवा में झूलता रहता है.

बता दें कि केबल ब्रिज का सबसे पहला स्केच Machinae Novae किताब में मिलता है, जिसे 1595 में पब्लिश किया गया था. लेकिन अगली कई सदियों तक इंजीनियर इस पर सफलता नहीं पा सके. युद्ध के दौरान कई पुल बम से उड़ा दिए गए थे. उसके टूटे स्ट्रक्टर का इस्तेमाल करके भी कई केबल ब्रिज बनाए गए हैं.

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