Shiv Vivah: शास्त्रों में भगवान शिव के बारात का वर्णन है भगवान शिव जब सती से विवाह करने के लिए बारात लेकर गए थे, तो वे रास्ते में एक मंदिर में रुके थे. वो मंदिर आज भी मौजूद है. जो की उत्तराखण्ड में स्थित भूतनाथ मंदिर है। …..
उत्तराखंड को कई लोग भगवान शिव की भूमि भी मानते हैं क्योंकि यही से भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत है. कहते हैं कि यहां स्थित भूतनाथ मंदिर काफी प्राचीन है. इसे गुप्त मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
इस मंदिर की प्रचलित कथा
ऋषिकेश में स्थित भूतनाथ मंदिर को लेकर एक कथा प्रचलित है. ये मंदिर अपनी सुंदरता और विभिन्न चीजो के लिए जाना जाता है. इसके साथ ही इस भूतनाथ मंदिर को लेकर ये कथा भी प्रचलित है कि इस मंदिर में भगवान शिव की बारात रुकी थी. मंदिर के विचित्र और आध्यात्मिक पौराणिक महत्व ने मंदिर को चर्चित किया है.
मंदिर को लेकर है ये कथा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर मां सती से विवाह करने के लिए बारात लेकर निकले थे. उस समय माता सती के पिता राजा दक्ष ने इसी भूतनाथ मंदिर में भगवान शिव को उनकी बारात के साथ इस भूतनाथ मंदिर में ठहराया था. बता दें कि उस समय भगवान शिव ने अपनी बारात में शामिल सभी देव, गण, भूत और तमाम बरातियों के साथ यहीं रात बितायी थी. इस मंदिर को लेकर एक बात प्रचलित है, जो सभी दार्शनियों को हैरान कर देती है.
भूत-प्रेत होंगे दूर
ऐसा माना जाता है कि यहां जानें मात्र से ही भूत-प्रेत बाधाएं दूर हो जाती हैं. वहीं, अगर कोई असाध्य रोग से पीड़ित है, तो उसे एक बार मंदिर के दर्शन अवश्य करने चाहिए. दर्शन कर भोलेबाबा से प्रार्थना अवश्य करें. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान शिव के सच्चे भक्तों को ही सिर्फ दर्शन मिलते हैं.
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होगी नशे की लत दूर
अगर कोई व्यक्ति अवसाद और नशे की लत से परेशान हैं या उस व्यक्ति का मन अशांत रहता है, तो ऐसे भक्तों को बाबा के दर्शन अवश्य करने चाहिए. इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां की मिट्टी में काफी शक्ति है. यहां जो भक्त दर्शन को आते हैं, वे मंदिर की मिट्टी को अपने साथ ले जाते हैं.
एक साथ बजने के बाद भी इसमें से अलग-अलग ध्वनि निकलती है, जिसे देखकर लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं. बता दें कि मंदिर में शिवलिंग के चारों तरफ 10 घंटियां लगी हुई हैं और 10 घंटियों में से अलग-अलग आवाज निकलती है.
सात मंजिला है ये भूतनाथ मंदिर
इसकी पहली मंजिल पर आपको भगवान शंकर से जुड़ी कथाओं का वर्णन मिलेगा. ये वर्णन चित्रों के माध्यम से देखने को मिलेगा. मंदिर की हर मंजिल पर हनुमान और नंदी के अलावा सभी देवी-देवताओं के चित्र देखने को मिलते हैं. सबसे आखिर में सांतवी मंजिल पर छोटा-सा शिव मंदिर बना है. जहां भगवान शिव और उनकी बारात का वर्णन किया गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. todaydarpan.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)