DELHI SEXUAL CRIMES : यौन अपराध में 19% का इजाफा, ऑनलाइन भी किया जा रहा है

सेक्सुअल क्राइम्स अगेंस्ट :

इसमें कई केसेज ह्यूमन ट्रैफिकिंग के हैं. बच्चों की सुरक्षा के लिए पैरेंट्स को सतर्क रहना जरूरी है. छपी खबर के मुताबिक पिछले साल 1,799 केस रजिस्टर किए गए थे, वहीं 2022 में 1,512 मामले की रिपोर्ट की गई थी. हालांकि दिल्ली पुलिस ने 2023 के 97 फीसदी केस (1,742) सॉल्व कर लिए हैं, वहीं 2022 के 95 फीसदी (1,440) मामलों का निपटारा किया गया था.साल 2023 में दिल्ली में पॉस्को एक्ट के मामलों में 19 फीसदी इजाफा देखने को मिला है, साथ ही 65 फीसदी ज्यादा आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है,

अपनों ज्यादा खतरा :

जिनमें रिश्तेदार, दोस्त, ट्यूशन टीचर और पड़ोसी शामिल. विक्टिम्स को कई तरह का लालच दिया जाता है और उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न किया जाता है.पुलिस के मुताबिक ज्यादातर मामलों पीड़ित या सर्वाइवर के जान-पहचान वाल ही आरोपी हैं,

सदमे में होते विक्टिम :

कभी-कभी, बचे हुए लोग लंबी प्रक्रिया और सामाजिक कलंक के कारण चिंतित हो जाते हैं, जिससे उन्हें हमारी मदद को वापस लेना पड़ सकता है.चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के एक सदस्य ने कहा कि ऐसे मामले सामने आए हैं जहां बच्चे दुर्व्यवहार के बाद कंफ्यूज्ड और ट्रॉमा में थे और अपराध की रिपोर्ट करने में हफ्तों या महीनों लग गए. सदस्य ने कहा, “जांच के दौरान आप एक बच्चे को कैसे संभालते हैं,

हैरेसमेंट के शिकार :

“युवा लड़कियों को सोशल मीडिया पर अजनबियों के साथ बातचीत में शामिल होने से बचने की सलाह दी गई है. एक अन्य अधिकारी ने नाबालिग लड़कियों की फोटोज को मॉर्फ करने और उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर करने और उन्हें और परेशान करने के लिए इन छेड़छाड़ की गई तस्वीरों के साथ फर्जी अकाउंट बनाने और परेशान करने वाली हरकत को हाइलाइट कियादिल्ली पुलिस ने उन मामलों को भी हैंडल किया है

जिनमें किसी आरोपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दूसरों के नाम पर नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाया. एक अधिकारी के मुताबिक, संदिग्ध एक लड़की होने का नाटक करेगा, नाबालिग का भरोसा जीतेगा, उससे निजी तस्वीरें शेयर करने के लिए मैनिपुलेट करेगा, और फिर उन्हें ऑनलाइन पोस्ट करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करेगा.

ह्यूमन ट्रैफिकिंग :

“हमने उन नाबालिगों को बचाया है जिनका यौन उत्पीड़न हुआ था. हर महीने कई लड़कियों की तस्करी की जाती है और यहां से उन्हें अन्य स्थानों पर तस्करी के जरिए भेजा जाता है.पॉक्सो के मामलों में इजाफा मानव तस्करी से भी जुड़ा हुआ है. मिशन मुक्ति फाउंडेशन के वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अन्य राज्यों में दूरदराज के इलाकों से लड़कियों को नौकरी या प्यार जैसे झूठे बहानों के तहत दिल्ली लाया जाता है.

पैरेंट्स क्या कर सकते हैं

अपने बच्चे से हमेशा खुलकर बातचीत करें.

बच्चों से पूछें कि उन्हें कोई परेशानी तो नहीं है.

बच्चों के मेटल हेल्थ और वेलबीइंग का ख्याल रखें.

बच्चों को गुड और बैड टच सिखाएं.

बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटीज, सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखें.

रिश्तेदारों, दोस्तों, करीबियों, ट्यूशन टीचर, पड़ोसियों पर नजर रखें, बच्चों को उनके पास अकेला न छोड़ें.

घर के ड्राइंग रूम या हॉल में सीसीटीवी कैमरा लगाएं, ताकि बच्चों पर होने वाले उत्पीड़न को तुरंत पहचाना जा सकता है.

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