UPSC : 14 सर्जरी हुईं, फिर बिना कोचिंग किया यूपीएससी क्रैक,प्रीती बेनीवाल ने

प्रीती बेनीवाल सक्सेस स्टोरी :

उन्होंने 10वीं क्लास में अच्छे नंबरों के साथ सफलता हासिल की. उनके पिता पानीपत थर्मल प्लांट में काम करते थे, जबकि उनकी मां बबीता पास की एक आंगनवाड़ी में काम करती थीं. इसके बाद वह 12वीं क्लास के लिए मतलौडा चली गईं और इसराना कॉलेज से बी.टेक और एम.टेक किया.कुछ लोगों को अच्छी खासी पर्सनल कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है

जो उन्हें अपने सबसे मजबूत कैरेक्टर को सामने लाने के लिए मजबूर करती है, और कुछ दुर्लभ लोग वास्तव में ज्यादा ताकत और फ्लेक्सिबिलिटी के साथ सफल होते हैं. ऐसी ही एक मोटिवेशनल सक्सेस स्टोरी है आईएएस प्रीति बेनीवाल की, जिन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी बाधाओं को पार कर लिया.हरियाणा के डुपेडी से ताल्लुक रखने वाली प्रीति ने पास के गांव फफड़ाना के एक निजी स्कूल में पढ़ाई की.

पहले की क्लर्क की नौकरी :

एमटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रीति ने 2013 से 2016 तक बहादुरगढ़ में ग्रामीण बैंक में क्लर्क के रूप में काम किया. बाद में, उन्होंने 2016 से जनवरी 2021 तक करनाल में एफसीआई के असिस्टेंट जनरल II पद पर काम किया. फिर, उन्हें जनवरी 2021 में विदेश मंत्रालय में असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर के लिए चुना गया. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विदेश मंत्रालय के लिए काम करना शुरू किया.

एक्सीडेंट हुआ गाजियाबाद में :

उन्हें 14 सर्जरी से गुजरना पड़ा और एक साल से ज्यादा समय तक बिस्तर पर रहना पड़ दिसंबर 2016 में प्रीति को एफसीआई में प्रमोशन के लिए गाजियाबाद में एग्जाम देना था. वह गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन दुर्घटना का शिकार हो गईं. वह ट्रेन के आगे गिर गईं.

सपने को नहीं टूटने दिया :

बिना कोचिंग के दो अटेंप्ट के बाद आखिरकार उन्होंने 2020 में 754 रैंक के साथ सफलता हासिल की. इसके बाद, उनकी शादी टूट गई. हालांकि, वह आईएएस अधिकारी बनने के अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए समर्पित थीं इसलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया.

मोटिवेशनल मैसेज स्टूडेंट्स के लिए :

मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि यह सिर्फ एक परीक्षा है. कोई किसी से कम या किसी से ज्यादा नहीं है. अपना बेस्ट दें, शांत रहें और किसी भी चीज से न डरें.”युवाओं के लिए उनका मोटिवेशनल मैसेज है: “जीवन किसी भी परीक्षा से ज्यादा जरूरी है. बच्चे एग्जाम में फेल होने पर सुसाइड करने की बात करते हैं. मुझे आश्चर्य है कि कोई भी एग्जाम किसी के जीवन पर इतना प्रभाव कैसे डाल सकता है.

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