Temple Cleaning Rule : हिंदू धर्म के अनुसार मंदिर की साफ-सफाई करने के जरूरी नियम

हिंदू धर्म के हर घरों में देवी देवताओं का एक निवास स्थान होता है, जिसे मंदिर कहते हैं. मंदिर में प्रतिदिन सभी देवी देवताओं की साफ सफाई के बाद उनकी पूजा अर्चना की जाती है. बता दें कि मंदिर में सफाई के लिए भी कुछ खास नियम हैं. यदि व्यक्ति की अनदेखी करता है.

वहां पर मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है साथ ही उस घर में सुख और समृद्धि कोसों दूर भाग जाती है. ऐसे में आज हम आपको मंदिर की सफाई कब नहीं करनी चाहिए और किस दिन करने से लाभ प्राप्ति होती है इसके बारे में विस्तार में बताएंगे.

मंदिर की सफाई :

हिंदू धर्म में रात का समय देवी देवताओं के विश्राम का समय माना गया है. इसलिए कभी भी रात के समय के बजाय मंदिर की सफाई दिन के समय ही करनी चाहिए. रात के समय मंदिर की सफाई करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं. इतना ही नहीं कभी भी मंदिर में पूजा करने के तुरंत बाद भी मंदिर की सफाई करना वर्जित माना है.

दरअसल ऐसा करने से घर से सकारात्मक ऊर्जा दूर भाग जाती है. यदि मंदिर में दीपक, धूप या अगरबत्ती जल रहा हो तो उस समय भी मंदिर की सफाई ना करें. 

मंदिर सफाई के लिए खास दिन :

बता दें कि मंदिर की सफाई के लिए वैसे तो शनिवार के दिन को शुभ मानते हैं. लेकिन इस बात का भी खास ध्यान रखें कि कभी भी गुरुवार वाले दिन मंदिर की सफाई भूलकर भी ना करें.

दरअसल इस दिन मंदिर साफ करना अशुभ मानते हैं. वहीं गुरुवार को छोड़ कर व्यक्ति किसी भी दिन मंदिर की सफाई कर सकता है.   

मंदिर साफ करने के नियम :

हिंदू धर्म हर दिन मंदिर साफ नहीं कर सकते हैं. वहीं शनिवार वाले दिन मंदिर की सफाई को काफी शुभ मानते हैं. ऐसा करने से उस घर में कभी भी धन संबंधी समस्या नहीं आती है.

वहीं हर माह की अमावस तिथि के दिन भी मंदिर को साफ करना शुभ मानते हैं. इसके अलावा हिंदू धर्म में पर्व और त्योहार के दिन भी मंदिर की सफाई जरूर करनी चाहिए.

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