विदेश में पढ़ने की चाहते रखने वाले भारतीय छात्र बजट की न करें फिक्र, ये Scholarship प्रोग्राम देंगे सपनों को उड़ान

भारतीय छात्र विदेश जाकर पढ़ाई करने की ख्वाहिश रखते हैं, लेकिन वहां जाकर पढ़ाई करने के लिए मोटा पैसा खर्च करना पड़ता है. बजट न होने के चलते ज्यादातर छात्र अपना ये सपना पूरा नहीं कर पाते है, लेकिन केवल पैसों के दम पर ही नहीं आप वहां नहीं जा सकते अगर आपके अंदर प्रतिभा है तो स्कॉलरशिप के माध्यम से विदेश में पढ़ाई करने की चाहत पूरी कर करते हैं. बहुत सी स्कॉलरशिप भारतीय विश्वविद्यालयों, भारत सरकार और प्राइवेट संस्थाएं देती हैं, तो वहीं कुछ स्कॉलरशिप विदेशी विश्वविद्यालयों द्वारा भी दी जाती है. 

Microsoft Scholarship :

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की ओर से पढ़ाई में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती है. विदेश से साइंस, फिजिक्स, इंजीनियरिंग और मैथ्स में डिग्री हासिल करने के इच्छुक छात्रों को यह  स्कॉलरशिप दी जाती है.

मैरिट बेस्ड इस स्कॉलरशिप में छात्रों की पूरी ट्यूशन फीस या उसका कुछ हिस्सा कवर किया जाता है. एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की बात करें तो छात्रों का एजुकेशन बैकग्राउंड अच्छा होना चाहिए.

इसके साथ ही उनकी सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में दिलचस्पी भी होनी जरूरी होती है. 4 साल के बैचलर डिग्री प्रोग्राम में एनरोल्ड करने वाले स्टूडेंट्स इस सकॉलरशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं. 

Chevening Scholarship :

यह स्कॉलरशिप यूके सरकार की ओर से मास्टर डिग्री करने वाले छात्रों को दी जाती है. इस स्कॉलरशिप के तहत हायर एजुकेशन के साथ-साथ स्टूडेंट्स को अलग-अलग संस्कृतिक कार्यक्रमों में भी शामिल होने का मौका मिलता है. इसके अलावा भी कई फैसिलिटी इसमें शामिल है.

इसके एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की बात करें तो आवेदक को भारतीय होना चाहिए. इस साथ ही उसके पास न्यूनतम 2 साल या फिर 2,800 घंटे का वर्क एक्सपीरियंस होना जरूरी है. 

Inlaks Scholarship :

इनलैक्स स्कॉलरशिप भारत की प्रतिष्ठित स्कॉलरशिप है, जिसकी शुरुआत 1976 में हुई थी. यह मास्टर्स, एमफिल और पीएचडी की पढ़ाई करने विदेश जाने वाले स्टूडेंट्स को दी जाती है.

छात्रों को उनकी योग्यता के आधार पर यूएसए, यूके और यूरोप की टॉप यूनिवर्सिटीज में पढ़ने का मौका मिलता है. इस स्कॉलरशिप में ट्यूशन फीस, फ्लाइट फेयर, रहने का पूरा खर्चा और स्वास्थ्य बीमा कवर किया जाता है.

इसके लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की बात करें तो 30 साल  तक के भारतीय आवेदन कर सकते हैं. उनके पास बैचलर डिग्री होनी चाहिए. 

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