Income Tax Rate Cut : इनकम टैक्‍स की दरें कम होने पर सरकार लेंगी बड़ा फैसला

Income Tax Rate Cut : इनकम टैक्‍स की दरें कम होने पर सरकार लेंगी बड़ा फैसला आने वाले दिनों में आयकरदाताओं को बड़ी राहत मिलने की सम्भावना है। निर्माता मौजूदा आयकर ढांचे को युक्तिसंगत बनाने के लिए आयकर दरों में कटौती कर सकती है। घटती खपत की समस्या से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था में जान डालने को आने वाले बजट में सरकार इनकम टैक्‍स को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है।

यह इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह दावा किया है की सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार के नीति निर्माता मौजूदा आयकर ढांचे को युक्तिसंगत बनाने के पक्ष में हैं। इसके लिए कम आय वाले आयकरदाताओं को ज्‍यादा कर छूट दी जा सकती है। बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की नवगठित सरकार द्वारा जुलाई के तीसरे सप्ताह तक वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश कर सकती है।

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Income Tax Rate Cut : इनकम टैक्‍स की दरें कम होने पर सरकार लेंगी बड़ा फैसला

आयकर की दरों में कटौती में फ्रीबिज और अत्यधिक कल्याणकारी व्यय के लिए प्राधमिकता

सरकारी अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस बात कि संभावना है कि सरकार राजकोषीय समेकन पर ध्यान केंद्रित करने के कारण कम आय वालों के लिए आयकर की दरों में कटौती को फ्रीबिज और अत्यधिक कल्याणकारी व्यय पर प्राथमिकता दे सकती है। अधिकारियों ने कहा कि कर में कटौती प्रयोज्य आय बढ़ाने के लिए अधिक प्रभावी उपाय हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप खपत में वृद्धि होगी तथा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

लोगों के हाथ में ज़्यादा पैसा होगा, जिससे खपत बढ़ेगी और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर राजस्व में वृद्धि होगी, इसलिए भले ही आयकर दरों में कटौती से राजस्व में कमी हो, लेकिन इसका शुद्ध प्रभाव सकारात्मक ही हो सकता है।

खपत को बढ़ावा

मांग को पुनर्जीवित करने के लिए खपत को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। यह निवेश चक्र को फिर से शुरू करने और विशेष रूप से उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्रों में निजी पूंजीगत व्यय को फिर से बढ़ाने में अत्‍यंत केंद्रीय भूमिका निभाता है। इससे जीएसटी संग्रह में भी वृद्धि होती है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, “इस तरह (आयकर को युक्तिसंगत बनाकर) आप उपभोग को अनलॉक करेंगे। अधिक डिस्पोजेबल आय होगी, जिसका अर्थ है अधिक उपभोग, अधिक आर्थिक गतिविधियाँ, अधिक जीएसटी संग्रह।

टैक्‍स ढांचा युक्तिसंगत नहीं
अधिकारी द्वारा बताया कि मौजूदा कर ढांचे की समीक्षा को लेकर यह बात सामने आई है कि मौजूद टैक्‍स ढांचा युक्तिसंगत नहीं है। इसमें मार्जिनल इनकम पर टैक्‍स वृद्धि बहुत ज्‍यादा है। न्‍यू टैक्‍स रिजीम में 5 फीसदी का पहला स्लैब 3 लाख रुपये की आय से शुरू हो जाता है।

जब आय 15 लाख रुपये तक पहुंचती है। यानी पाँच गुना बढती जाती है तो सीमांत कर की दर 5 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत होती है। आयकर की दर में छह गुना वृद्धि होती है।

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