रोजाना शाम को ये कार्य करने से पितर होते हैं प्रसन्न, दुखों की एंट्री पर लगा देते हैं रोक!

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की कुंडली में पितर दोष हो तो व्यक्ति को जीवन में कई तरह की बाधाओं और मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. वहीं, अगर पितर आपसे प्रसन्न हों, तो व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं. पितरों को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपायों के बारे में बताया गया है. पितरों के तृप्त होने पर वे वंशजों को तरक्की और सफलता प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं. वहीं, अगर पितर नाराज हों, तो व्यक्ति को हर कार्य में बाधा का सामना करना पड़ता है. कुंडली में पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए इन उपायों को जरूर अपनाएं. 

जल अर्पित :

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप पितृ दोष से परेशान हैं, तो जल्द छुटकारा पाने के लिए पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना शुरू कर दें. ऐसी मान्यता है कि पीपल के पेड़ में पितरों का वास होता है. इसके साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करने से जल्द ही पितृ दोष से छुटकारा मिलता है. पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और छाया दान करने से भी लाभ होता है. 

दीपक जलाएं :

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप पितरों की कृपा पाना चाहते हैं और कुंडली में मौजूद पितृ दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करें और अर्घ्य अर्पित करें. इसके अलावा श्रद्धा, पिंडदान और तर्पण आदि करना भी बेहद शुभ माना गया है. अमावस्या और पितृ पक्ष में इन कार्यों को करने से पितर प्रसन्न होते हैं.  

प्रसन्न पितर होंगे :

अगर आप पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से शाम के समय आचमन करें और स्वयं को शुद्ध करें. इसके बाद मिट्टी के दीपक में तेल डालें और बत्ती जलाएं. इस दीपक को छत पर दक्षिण दिशा में रख दें. इसके बाद हाथ जोड़कर पितरों का ध्यान करें और पितरों से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें. इस दौरान गाय के गोबर से बने दीये का इस्तेमाल करना शुभ माना गया है. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं. 

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