सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन (DMRC) को राहत दी है. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infra) की मेट्रो सेवा देने वाली कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) के पक्ष में 8,000 करोड़ रुपये के आर्बिट्रल अवार्ड को रद्द कर दिया है.
एससी के इस फैसले के बाद कंपनी के शेयर्स में 20 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया था.केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बारे में जानकारी दी है. हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि DMRC और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को ‘ऐतिहासिक निर्णय’ बताया गया है.
इसके साथ ही मंत्री ने यह भी कहा है कि यह सत्य की जीत है. मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी (Anil Ambani) आजकल काफी चर्चाओं में बने हुए हैं. अब एक बार फिर अनिल अंबानी को बड़ा झटका लगा है.
शेयर्स टूटे :
रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में लोअर सर्किट लग गया था. इस कंपनी का मार्केट कैप 9015 करोड़ रुपये है. इस फैसले के बाद में रिलायंस इंफ्रा के शेयर्स बुरी तरह टूट गए. बुधवार को कारोबार के अंत में रिलायंस इंफ्रा के शेयर्स 20.00 फीसदी की गिरावट के साथ 227.60 के लेवल पर क्लोज हुए थे.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला :
दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड’ रिलाइंस इंफ्रास्ट्रक्चर की कंपनी है. हाई कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को बड़ी राहत प्रदान करते हुए कहा कि वह ‘दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड’ को 8,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं है. DMRC को 2017 में यह आदेश सुनाया गया था. REGULAR EXERCISE : कसरत से सीखने की कला और याददाश्त भी होती है बेहतर सिर्फ शरीर, बल्कि दिमाग को भी बनाती है तेज
हरदीप सिंह पुरी ने DMRC :
इस ऐतिहासिक फैसले को हासिल करने पर डीएमआरसी टीम को बहुत-बहुत बधाई ’’मंत्री ने इस ऐतिहासिक फैसले के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को बधाई भी दी है. पुरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा है,‘‘सत्यमेव जयते… एयरपोर्ट मेट्रो लाइन से जुड़े मामले में डीएमआरसी की सुधारात्मक याचिका पर माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है.
1986 के बाद अनिल अंबानी :
अपने पिता की 2002 में मृत्यु के बाद उन्होंने और उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने रिलायंस कंपनियों को संयुक्त रूप से संभाला. आपको बता दें धीरूभाई को 1986 में दौरा पड़ने के बाद अनिल ने अपने पिता की देखरेख में रिलायंस के वित्तीय मामलों को संभाला था.